Plastic मुक्त देश बनाने के लिए, क्यों न इस प्रक्रिया को इस्तेमाल में ले सरकार ?

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इस साल गाँधी जयंती पर देश को Plastic मुक्त बनाने की मुहीम कामयाब रही। देश में सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर कड़ा प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इसके साथ सरकार के इस फैसले को हर कोई सही मान रहा है। इसके साथ देश में प्लास्टिक का इस्तेमाल होना कम हो रहा है। कल तक जिन दुकानों में प्लास्टिक की थैलियों में सामान दिया जाता था, वहीं आज कागज़ के खलतों को प्रयोग में लिया जा रहा है। दुकानों के बाहर बड़े-बड़े शब्दों में लिखा गया है – “प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगा हुआ है, कृपया प्लास्टिक की थैलियों की मांग न रखें।”

लेकिन, इन सबके बीच एक खबर काफी चर्चा में आ रही है। देश के खेल मंत्री किरण रिजिजू ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक एक वीडियो शेयर की है। जो कि धड़ल्ले से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अरुणाचल प्रदेश के लेपा राडा जिला के तिरबीन के एक लोकल मीट वेंडर का बताया।

इस वीडियो में दिखाया जा रहा है कि वहाँ का एक स्थानीय विक्रेता मछली बांधने के लिए पॉलीथिन की बजाए एक पेड़ की पत्ती का इस्तेमाल कर रहा है। ये साफ़ देखा जा सकता है यह प्रक्रिया ज़्यादा समय ले रही है लेकिन प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने में काफी मददगार साबित हो रही है।

आपको याद हो तो पुराने समय में पत्तियों की मदद से घर की छत्त बनाई जाती थी। जिससे की बारिश के समय में पानी का अभाव घर में न घुसे।

आपको याद हो तो पुराने समय में पत्तियों की मदद से घर की छत्त बनाई जाती थी। जिससे की बारिश के समय में पानी का अभाव घर में न घुसे। बम्बू को घर बनाने के इस्तेमाल में लेते थे। ताकि लकड़ी की मजबूती से पकड़ अच्छी बानी रहे। यहीं नहीं, पहले के समय में लोग केले के पत्तों को थाली की तरह प्रयोग में लेते थे। लोग लकड़ी या सूखे पत्तों से टोकरी बनाई जाती थी। उस टोकरी को कई तरह का आकार दिया जाता था। इससे पर्यावरण को नुक्सान नहीं पहुँचता था।

अब वही, समय दुबारा वापस आ रहा है। अब लोग पत्तियों का इस्तेमाल Plastic की जगह करने लगे हैं। यह प्रक्रिया विदेशों में चल रही है। थाईलैंड के सुपरमार्केट में केले के पत्तों को सब्जियां बाँधने के काम आ रहा है। अंग्रेजी वेबसाइट फोर्ब्स के अनुसार, 9 अरब Plastic के बनाने के बाद सिर्फ 9 प्रतिशत Plastic ही रिसाइक्ल हो पाती है। और प्लास्टिक को ख़त्म होने में करोड़ों साल लग सकते हैं। ऐसे में, ‘प्लास्टिक की जगह क्या इस्तेमाल किया जाए?’, का जवाब यही होंगा कि हम आर्गेनिक चीज़ों का इस्तेमाल करें। जैसे, जूट की थैलियों का प्रयोग, सब्ज़ी बाँधने के लिए केले की लम्बी पत्तियों का इस्तेमाल, आदि।

अब सवाल यह भी उठेगा, कि जब विदेश में इस तरह से प्लास्टिक के उपयोग की जगह पेड़ों की पत्तियों की मदद ले सकते हैं। तो इस प्रक्रिया को हम खुद इस्तेमाल में क्यों नहीं ले सकते।