Unemployment Rate :- देश के युवा निकल चुके हैं, नौकरी ढूंढने। किसी ने ग्रेजुएशन की है तो कोई पोस्ट-ग्रेजुएशन को लेकर इंटरवयू देता फिर रहा है। लेकिन, नौकरी है ही नहीं। देश का हर युवा वर्ग इस समय यही चिंता लगाए बैठा है कि कब नौकरी मिलेगी ? और कैसी ?
देश में इस समय नौकरियों में कमी देखी जा रही है। यह खबर पहले भी कई बार सुनने में आयी थी कि देश में नौकरियाँ कम हैं। लेकिन, आज़ादी के बाद यह पहली बार है, जब देश में नौकरियों में इस तरह की कमी देखी गई है। यह सब कुछ मंदी का ही असर है। जिससे देश में बेरोज़गारी ज़्यादा है। हाल ही में, देश में बेरोजगारी के आकड़े देखे गए जिसमें यह सामने आया बेरोज़गारी अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच चुकी है।
Unemployment Rate :- इस साल अक्टूबर में जहाँ बेरोज़गारी दर 8.48 प्रतिशत था और सितंबर महीने में यह दर 7.2 प्रतिशत रहा। सीएमआईए ने यह रिपोर्ट जारी की है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, 2016 अगस्त के बाद बेरोज़गारी स्तर का यह सर्वोच्च आंकड़ा रहा है। उस समय बेरोजगारी दर बढ़ गयी थी, जो कि 9.59 प्रतिशत तक पहुंची थी।
देश में पिछले छह सालों में 90 लाख नौकरियों में कमी आई हैं। बेरोज़गारी दर को समझने के लिए एक रिसर्च की गयी। यह रिसर्च, अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ सस्टेनेबल एम्प्लॉयमेंट की तरफ से की गई। रिपोर्ट को तैयार किया है, संतोष मेहरोत्रा और जेके परिदा ने।
Unemployment Rate :- इस रिपोर्ट को देख यह मालुम हुआ, इस साल मई और सितम्बर में पच्चीस लाख नौकरियाँ बढ़ी हैं। देश में करीब 40.49 लाख लोगों को मई-अगस्त में रोज़गार मिला है। वहीं, मज़दूर वर्ग को इस बेरोज़गारी का सामना करेगा तो इसका असर क्ष्रम विभाग पर भी पड़ेगा।
अगर, इन दोनों आंकड़ों की तुलना की जाए तो करीब 55 लाख नौकरियाँ कम हैं। पिछले साल से ही भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट आनी शुरू हुई थी। जिसके बाद से उपभोग और प्राइवेट कंपनियों के कैपिटल एक्सपेंडिचर में गिरावट सामने आयी।
एक स्टडी के हिसाब से भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी है। इस राज्य में करीबन 30 लाख बेरोज़गार हैं। यह सभी लोग अच्छी क्वालिफिकेशन हासिल करके बैठे हैं लेकिन उन्हें नौकरी मिलेगी भी या नहीं। इसका जवाब कोई नहीं जानता। उसके बाद आंध्र प्रदेश और तमिल नाडु में 22 लाख बेरोज़गार हैं।