Yamuna ka Jal Sankat:- इस समय दिल्ली और उसके आस-पास का क्षेत्र हवा में फैले ज़हर को झेल रहा है। दिवाली के बाद और पराली की वजह से हुए काले धुंध ने हर किसी को परेशान कर दिया है। अभी कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण दर करीब 500 के करीब रहा है। कहीं-कहीं यह प्रदूषण दर इतना बढ़ा जिसकी कोई हद नहीं। इस ज़हरीली हवा से काफी लोग परेशान हैं। पर, सिर्फ हवा ही नहीं, दिल्ली का पानी भी बुरी तरह से प्रदूषित है।
रविवार को दिल्ली में हवा का पीएम रेट तीन सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुँच चूका था। पर छठ पूजा के आखिरी दिन यमुना नदी के तट पर काफी लोगों की श्रद्धा देखने को मिली। रविवार की सुबह पुरुष धोती पहने और महिलाएं साड़ियां पहने यमुना नदी में दिखीं। अब आप सोच रहे होंगे कि यह तो आम बात है, सब लोग इसी तरह छठ पूजा करते हैं।
Yamuna ka Jal Sankat:- लेकिन, यमुना में यह पूजा थोड़ी अटपटी सी लग रही थी। असल में हुआ यूँ कि, यमुना में रविवार तड़के सफ़ेद और ज़हरीला झाग नज़र आ रहा था। जहाँ नज़रें घूमी, वहां ऊँचा ऊँचा सफ़ेद और ज़हरीला पानी।
इसी माहौल में लोग घुटनों तक के पानी में यूँही खड़े रहे। उनके हाथों में पूजा की सारी सामग्री थी। इसके साथ उन्होनें भगवान सूर्य का उदय भी ढंग से नहीं देखा।
Yamuna ka Jal Sankat:- हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में यमुना नदी में हो रहे प्रदूषण के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने नदी में की जा रही सफाई के लिए सवाल उठाए थे। साल 2017 में भी सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की याचिका पर सुनवाई करी। जिसके बाद, अधिकरण को मथुरा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से पांच लाख रुपए का जुर्माना देना पड़ा था।
देश के एक प्रतिष्ठित अख़बार ने एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें यह बात सामने आयी थी कि यमुना में सबसे ज़्यादा प्रदूषण दिल्ली से उत्तर प्रदेश के बीच में देखने को मिला है। इस रिपोर्ट को बनाने के लिए एक स्टडी की गई थी।
इस स्टडी में, यमुना को 12 हिस्सों में बांटा गया और इसके अलग-अलग क्षेत्रों से सैंपल लिया गया। इस रिपोर्ट में काफी जगहों पर यमुना का प्रदूषण अपने स्तर पर था, वहीं कहीं-कहीं रिपोर्ट में निकले असर काफी भयावह रहे। इस स्टडी को पढ़ने और समझने के बाद यह पता चला है, कि यमुना को बढ़ते प्रदूषण से रोका जा सकता है।
Yamuna ka Jal Sankat:- हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अब यमुना का पानी सामान्य हो रहा है। यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने के बाद राजधानी में कई दिनों तक जल आपूर्ति प्रभावित हुई थी। यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ रहा था तो पानी का सञ्चालन कुछ वक़्त के लिए रोकना पड़ा। जिसके बाद दिल्ली जल बोर्ड के प्रमुख केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि यमुना में बढ़ रहा ‘संकट ख़त्म हो गया है।’ जल उत्पादन सामान्य है।
यह सब स्थिति देख कर तो यही कहा जा रहा है कि दिल्ली इस समय जल संकट और वायु संकट से बुरी तरह जूझ रही है।ऐसे में, अगर दिल्ली सरकार ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया तो दिल्ली वालों के लिए यहाँ रहना दुश्वार हो सकता है।