आने वाली पीढ़ी को पानी और ऊर्जा बचाने के बारे में बतायेंगे अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ

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संरक्षण

आने वाली पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखना एक परेशानी का कारण बनता जा रहा है। दिनों-दिन बढ़ती जा रही संसाधनों का इस्तेमाल से प्राकृतिक चीज़ों में कमी आ रही है। भारत के साथ अन्य कई देशों में घाट रहे भूमिगत जल स्तर से कई राज्यों में जल संकट पैदा हो रहा है। दिल्ली जैसे महानगरों में लोगों को जल संकर से जूंझना पढ़ रहा है। इस मुद्दे के बारे में सोचते हुए विश्वस्तर पर विशेषज्ञ लगातार प्रयासों में जुटे हुए हैं। इन कोशिशों के तहत ऊर्जा एंव पर्यावरण संस्थान (ऐनर्जी एंड एनवायरनमेंट फाउंडेशन) द्वारा 21 अगस्त से तीन दिवसीय विश्व जल शिखर सम्मेलन (वल्र्ड वाटर समिट 2019) और विश्व अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन (वल्र्ड रिन्यूएबल ऐनर्जी टेक्नॉलोजी कांग्रेस) का आयोजन होने जा रहा है।

यह आयोजन 21, 22 और 23 अगस्त को संसद मार्ग स्थित एनडीएमसी सम्मेलन केन्द्र में किया जाएगा। इस साल विश्व जल शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण का आयोजन किया जा रहा है और इस वर्ष सम्मेलन की थीम “क्लीन एंड सेफ ड्रिंकिंग वाटर टू ऑल” रखी गई है। वहीं विश्व अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन का इस वर्ष 10 वां सस्कंरण आयोजित किया जा रहा है और इस सम्मेलन की थीम “रिन्यूएबल ऐनर्जी सोल्यूशन्स फॉर ए सस्टेनएबल फ्यूचर” रखी गई है।

इस विश्व जल शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार का जल शक्ति मंत्रालय और विश्व अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार का अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के सहयोग से करवाया जाएगा। इन दोनों सम्मेलनों में दुनियाभर के विशेषज्ञ जल के संरक्षण और सुरक्षित प्रयोग के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। इस दौरान लोगों को भूमिगत जल के दोहन को रोकने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा, ताकि भूमिगत जल के खत्म होने के बाद पैदा होने वाली प्राकृतिक परेशानियों से हमारी आने वाले पीढ़ी को बचाया जा सके।

‘वल्र्ड वाटर समिट’ में विशेषज्ञ लोगों को नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर जल प्रबंधन के तरीके भी सिखाए जायेंगे। दिनों-दिन बढ़ते जल संकट से लोगों को बचाने के लिए दुनियाभर के इंस्टिट्यूट रिसर्च में जुटे हुए हैं। इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण और आर्थिक समृद्धि, वित्त एवं प्रौद्योगिकी के बीच तालमेल बैठाना है, ताकि उद्योगों और लोगों के लिए जल की उपलब्धता सही मात्रा में मिल सके। इसके साथ ही जल की संरक्षण आने वाली पीढिय़ों के लिए किया जा सके। इस संबंध में लोगों को जल संरक्षण की नई तकनीकों और काई क्षेत्रों में पानी को बचाने को लेकर हासिल की गई उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराने के लिए प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

वहीं विश्व अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन में आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा के समाधानों के बारे में नेशनल और इंटरनेशनल विशेषज्ञ एकजुट होंगे। इस दौरान अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी, बिजली की इस्तेमाल और ट्रांसमिशन, जैविक ऊर्जा, जैविक ईंधन और नवीकरणीय सामग्री के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में ग्रीन टेक्नॉलोजी को बढ़ावा देने के लिए एक्सहिबिशन का भी आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन में 100 से ज्यादा कंपनियों के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारी, 400 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि, नीति निर्माता, रणनीतिक निवेशक, प्रदर्शक और छात्रों समेत अन्य लोग शामिल होंगे।

खास बात यह है कि यहां पर लोगों को एनर्जी के कई रूपों के बारे में जानने का मौका मिलेगा। यहाँ पर सोलर एनर्जी, सौर तापीय ऊर्जा, वायु ऊर्जा, जल विद्युत, भू-तापीय ऊर्जा, जैविक गैस और हरित ऊर्जा समेत अन्य ऊर्जा के प्रकारों के बारे में विशेषज्ञ बेहतर ढंग से अपने अनुभव, जानकारियां एवं समाधान उपलब्ध करवाएंगे।