सामाजिक मुद्दे से जुड़ी एक और फिल्म हुई रिलीज, सोनाक्षी सिन्हा नज़र आई लीड रोल में

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खानदानी शफाखाना

बॉलीवुड का बदलता दौर, जहाँ पहले फिल्में मनोरंजन के लिए दिखाई जाती थीं, वहाँ अब सामजिक मुद्दों को मनोरंजन के रूप में दर्शकों के सामने लाने का प्रयास किया जा रहा हैं। जिन विषय पर लोग बात करने से भी कतराते थे। उन समस्याओं पर बॉलीवुड लगातार एक के बाद एक नयी कहानियों के रूप में दर्शकों के सामने परोसने की कोशिश करता नज़र आ रहा हैं। हालांकि, यह एक्सपेरिमेंट ‘विकी डोनर’, ‘पीकू’, ‘शुभ मंगल सावधान’, ‘बधाई हो’, ‘लुका छुपी’ , ‘पैडमेन’, ‘टॉयलेट-एक प्रेम कथा’ जैसी फिल्मों में सफल रहा।

बात तो करो’ कहानी की टैगलाइन है

फ़िल्मी शुक्रवार को जहाँ बड़े पर्दे पर, कोई ना कोई कहानी अपनी जगह बनाती हैं। वैसे ही इस फ़िल्मी शुक्रवार को बड़े पर्दे पर सामजिक मुद्दे से जुड़ी, ‘खानदानी शफाखाना’ थिएटर में उतरी गयी है। ‘खानदानी शफाखाना’ एक ड्रामा कॉमेडी फिल्म हैं। मूवी में सेक्स समस्यों के बारे में दर्शाया गया हैं।

डेब्यू डायरेक्टर शिल्पी दासगुप्ता ने खानदानी शफाखाना का निर्देशन किया हैं। यह उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म होगी। अब देखना यह होगा कि सामाजिक मुद्दे पर उनके द्वारा निर्देशित पहली फिल्म लोगों का कितना ध्यान अपनी ओर खींच पाएगी।

कहानी

कहानी है, पंजाब के एक छोटे शहर होशियारपुर की। जहाँ सोनाक्षी सिन्हा बॉबी बेदी नाम की एक महिला नायिका का क़िरदार निभा रही हैं। बेबी बेदी एक रूढ़िवादी पंजाबी परिवार से हैं। बॉबी बेदी अपनी मां (नादिरा जहीर बब्बर) और नाकारा भाई भूषित बेदी (वरुण शर्मा) के साथ रहती हैं।

फ़िल्म की शुरुआत होती हैं ,मामाजी (कुलभूषण खरबंदा) के खानदानी शफाखाना से। जहाँ वो सेक्स समस्याओं से जुझ रहे लोगो का इलाज़ करते हैं। कई सारे लोग मामाजी के इस सेक्स क्लीनिक के ख़िलाफ़ होते हैं। वहीं एक दुर्घट्ना में मामाजी का देहांत हो जाता हैं। और इधर क़र्ज़ के बोझ तले दबी बॉबी बेदी को पता चलता है की , मामाजी अपनी सारी जायदाद और खानदानी शफाखाना वसीयत उनके नाम कर गए हैं। लेकिन एक शर्त पर कि बॉबी को उनके खानदानी शफखाना क्लीनिक को सफलतापूर्वक 6 माह तक चलाना होगा।

अपने परिवार की स्थिति देखते हुए बॉबी इसके लिए तैयार हो जाती हैं। यहां बॉबी की मुलाक़ात होती है, बादशाह से जो कि मामाजी के पुराने मरीज़ होते है। खानदानी शफखाना क्लीनिक की ज़िम्मेदारी के साथ बॉबी के लिए कई सारी मुसीबत सामने खड़ी होती है। उनका परिवार भी बॉबी के खानदानी शफाखाना चलाने के ख़िलाफ़ होता हैं। ऐसे में वो किस तरह से इन मुसीबत को सामना करती हैं, यह देखने के लिए आपको थियेटर की और रुख करना होगा।

एक्टिंग

फ़िल्म का दृश्य पंजाब का हैं। ऐसे में बेबाक़ पंजाबी लड़की के क़िरदार को निभाने में सोनाक्षी सक्षम रही। सोनाक्षी की अदाकारी दमदार रही। हालांकि दबंग मूवी में दबंग गर्ल का अभिनय देख यह कहना सही होगा की सोनाक्षी की एक्टिंग स्किल्स फिल्म में और जान डाल सकती थीं। बात करे सोनाक्षी के निक्कमे भाई का क़िरदार निभा रहे वरुण शर्मा की। तो एक बार वो फ़िर अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने में क़ामयाब रहे। वरुण का क़िरदार फ़िल्म का सबसे दिलचस्प क़िरदार बताया।

जाने-माने सिंगर, रैपर बादशाह भी इस मूवी में नज़र आए। यह फ़िल्म उनकी डेब्यू फिल्म है। लेकिन बादशाह ने अपने अभिनय से ये साबित कर दिया की वो जितने कुशल सिंगर हैं, उतने ही कुशल अभिनेता भी हैं। उन्होंने दर्शकों को यह एहसास नहीं होने दिया की यह उनकी पहली फ़िल्म हैं। वक़ील के रूप में अनु कपूर ने भी अपना रोले बखुबी निभाया । फ़िल्म का क़िरदार निभा रहें राजेश शर्मा ने भी काबील-ए-तारीफ़ भूमिका निभाई है।

म्यूजिक

किसी भी फ़िल्म में स्टोरी के साथ-साथ अच्छे म्यूजिक का होना भी जरुरी हैं। फिल्म में इस बात का भी ध्यान रखा गया हैं। सोनाक्षी के क़िरदार को देखते हुए उनके हौसला बढ़ने के लिए भी गाना रखा गया हैं। इसके अलावा फिल्म के आखिरी में सोनाक्षी, वरुण,और बादशाह कोका सांग पर थिरकते नज़र आए।

आपको बता दें, अब तक अपनी फ़िल्मी करियर के 9 साल में सोनाक्षी सिन्हा बहुत ही कम हिट फ़िल्म अपने नाम दर्ज़ करा पायी हैं। लेकिन फ़िल्म ‘खानदानी शफाखाना’ से उन्हें और मैकर्स को काफी उम्मीदें हैं।