आमतौर पर फेस्टिवल सीजन में हर कोई कार, मोबाइल खरीदने के बारे में सोचता है। इसी को ध्यान में रखते हुए ऑटो जगत की सबसे बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत कहा गया है कि कंपनी हर महीने लग-अलग हिस्सों में 15 दिन तक प्रोडक्शन का काम ठप रखेगी। इस फैसले से ऑटो जगत में हाहाकार मच गया है। हालंकि यह नियम आने वाले समय से लागू कर दिया जाएगा। तो चलिए जानते है आखिर पूरा मामला क्या है।
ऑटो सेक्टर में छायी मंदी का असर
ऑटो सेक्टर में मंदी का मार साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसका ताज़ा उदहारण अशोक लीलैंड की कंपनी में देखा जा सकता है। इस कंपनी ने अक्टूबर से हर 02 से 15 तारीख तक अपने काम को बंद करने का फैसला लिया है। यात्री वाहनों के बाद अब कमर्शियल वाहनों का निर्माण करने वाली प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड ने बीते दिनों कहा कि मंदी की वजह से हमें यह निर्णय लिया है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश की अन्य कंपनी भी इस दौर से गुजरने पर मजबूर हो जाएगी।
सितंबर में अशोक लीलैंड की बिक्री 55 प्रतिशत गिरी
मिली जानकारी के अनुसार मंदी का असर कार निर्माता कंपनी पर भी देखा जा सकता है। हाल में जारी एक रिपोर्ट की माने तो सितंबर महीने में वाणिज्यिक वाहनों की कुल बिक्री 55 प्रतिशत गिरकर 8,780 वाहन रह गई। बीते एक सालो के भीतर यह आकड़ा दिन प्रति दिन घटता जा रहा है। एक साल पहले की इसी महीने में यह आंकड़ा 13,056 इकाई था।बहरहाल, अशोक लीलैंड की ओर से यह फैसला त्योहारी सीजन में लिया गया है। यह सीजन ऑटो सेक्टर के लिए ‘गोल्डन पीरियड’ माना जाता है। सरकार भी यह मान रही है कि त्योहारी सीजन में ऑटो सेक्टर की सुस्ती दूर होगी।
वीआरएस का ऑफर दे चुकी है कंपनी
इससे पहले अशोक लीलैंड ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों के लिए कंपनी से निकालने की घोषणा भी की थी। इसके तहत कंपनी ने कर्मचारियों के लिये नोटिस जारी कर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) और कर्मचारी अलगाव योजना (ईएसएस) का ऑफर दिया है। कंपनी ने यह योजना ऐसे समय पेश की जब उसके कर्मचारी बोनस बढ़ाने को लेकर हड़ताल कर रहे थे।