Air Pollution In Delhi:- साइकिल पर ऑफिस जाना है सबसे खतरनाक, जानिए कैसे

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Air Pollution In Delhi

Air Pollution In Delhi:- देश की राजधानी, दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए ‘ऑड-इवन फॉर्मूले’ का प्रयोग किया जा रहा है। इस फॉर्मूले की शुरुआत दिल्ली में अपनी सरकार बनाने वाले, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने। यह फार्मूला, 4 नवंबर से शुरू हुआ था, और यह 15 नवंबर तक रहेगा। इस बार इस फॉर्मूले को न मानने वाले या फिर इसका उलंघन करने वाले को चार हज़ार रुपए जुर्माने के तौर देने होंगे।

इस समय दिल्ली में ऑटो चलाने वालों के काफी मज़े हैं। वहीं, महिला चालकों को भी इस फॉर्मूले में पूरी छूट है। इस फॉर्मूले के पहले दिन दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दफ्तर जाने के लिए साइकिल का सहारा लिया। उन्होंने ऐसा करने के लिए यह कहा कि उनके पास इवन नंबर की गाड़ी है और आज की तारीख ऑड है, ऐसे में, उन्होंने साइकिल से जाना ही सही समझा। यह देखकर तो कहा जा सकता है कि सरकार जनता के साथ-साथ खुद भी सभी नियमों का पालन कर रहे हैं।

लेकिन, क्या साइकिल से दफ्तर जाना सही है ?

Air Pollution In Delhi:- हम इस फॉर्मूले का इस्तेमाल कर रहे हैं, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए। लेकिन, जिस प्रदूषण को हम ख़त्म करने की कोशिश में लगे हुए हैं, वह तो साँसों के सहारे अंदर जा ही रहा है। चाहे हम मास्क का इस्तेमाल करें या नहीं, परन्तु, हवा में मौजूद ज़हरीली हवा में सांस लेना तो पड़ेगा ही। बहरहाल, अब प्रदूषण का स्तर बहुत हद तक कम हो चूका है।

साइकिल के इस्तेमाल करने से हमारा सीधा संपर्क हवा में रहता है। जिससे हम सांस तो प्रदूषण वाली ही ले रहे हैं। प्रदूषण की ऐसी स्थिति में साइकिल का इस्तेमाल करना बहुत हद तक सही नहीं है। जिस तरह सरकार इस फॉर्मूले के साथ-साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सही बता रही है, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सही तरीके से इस्तेमाल में नहीं लिया जा रहा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रेट पहले से भी ज़्यादा हाई हो चुके हैं। जो किराया पहले 20 रुपए था, अब वही किराया 50 हो गया है।

दिल्ली में सबसे ज़्यादा प्रदूषण होने का कारण है, वाहन। वाहनों से निकलता धुंआ ही सबसे ज़्यादा हमें प्रभावित करता है। यह धुंआ हमारे दिमाग पर भी असर करता है। आखों में जलन और गले में दर्द होना, सर में दर्द और झुकाम खांसी यह सब खतरनाक स्थिति का रूप ले लेते हैं। वायु प्रदूषण के कारण विश्व में काफी लोगों की मौत होती है। जिसमें भारत में यह स्थिति अपना भयावह रूप ले लेती है।

हवा की क़्वालिटी हम लोगों पर बहुत बुरा असर डाल रही है। इस हवा से बचने के लिए लोग घरों में और दफ्तरों में एयर प्यूरीफाइयर का इस्तेमाल कर रहे हैं। लोग ट्रैफिक ऑवेर्स में घर से निकलने से बच रहे हैं। लोग साफ़ वातावरण के लिए किसी अच्छी और स्वस्थ जगह जाने का प्लान बना रहे हैं।

कौन-सी गैस हैं, सबसे खतरनाक

Air Pollution In Delhi:- हमें सबसे ज़्यादा प्रभावित करती हैं तीन तरह की गैस, जो वातावरण में मौजूद रहती हैं। वह हैं, ओज़ोन, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (NO2), सल्फर डाई ऑक्साइड (SO2). ओज़ोन, हवा हमारे फेफड़ों पर असर करती हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत करती है। नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (NO2), अस्थमा के मरीज़ों में खाँसी और ब्रोंकाइटिस की समस्या होना। सल्फर डाई ऑक्साइड (SO2), आँखों और सांस की नली पर सबसे ज़्यादा असर करना। पानी के साथ मिलकर यह गैस सल्फ्यूरिक एसिड बनाती है।

कैसे करें खुद का इलाज़

Air Pollution In Delhi:- आयुर्वेद में इसके काफी इलाज़ बताए गए हैं, जैसे:- नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर नहाना और रात को सोने से पहले इसी पानी से अपना चेहरा धोना। नीम की पत्तियों का सेवन करना। घर में तुलसी का पेड़ लगाना। सुबह के समय घी या शहद का सेवन करना जिससे काफी बीमारियों से बचा जा सकता है। गिलोय का पानी पीना। शरीर की नियमित मसाज करते रहना, जिससे शरीर में स्फूर्ति बनी रहे।

अब इस प्रदूषण से बचने के लिए हमें खुद का ध्यान रखना होगा। खुद को बीमार होने से बचाने के लिए कुछ कदम हमें खुद ही उठाने होंगे।