देश को मिले नए चीफ जस्टिस, नाम है जस्टिस शरद अरविंद बोबडे

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New Chief Justice Of India

New Chief Justice Of India:- स्वंतत्र भारत की न्यायपालिका से, देश के हर व्यक्ति को यही उम्मीद रहती है, कि कोर्ट में दिखने वाली आँख में पट्टी बांधे एक महिला, या कहें न्याय की मूर्ति सही निर्णय लेगी। जिस तरह भगवान सुनने में देर लगा देता है, लेकिन सही का साथ देता है। उसी तरह हमारे देश के हर कोर्ट में बैठे न्यायाधीश भी सही निर्णय लेते हैं। हमारी न्यायपालिका में लाखों केस आज भी सालों-साल चल रहे हैं, लोग इसी उम्मीद में बैठे हैं कि उनकी आवाज़ सुनी जायेगी।

रामलला का मंदिर बनवाने का आदेश देने वाले भारत के चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया, रंजन गोगोई, रिटायर हो गए हैं। अब उनकी जगह आ गए हैं, जस्टिस शरद अरविंद बोबडे। वह देश के 47वे नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उन्होंने सोमवार को शपथ ली। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें नए सीजेआई के पद की शपथ दिलाई। देखा जाए तो वह महाराष्ट्र के चौथे व्यक्ति हैं, जिन्हें न्यायपालिका का महत्वपूर्ण पद मिला है।

New Chief Justice Of India:- अगले साल, यानी 23 अप्रैल 2021 को वह अपने पद पर सेवानिवृत होंगे। जब अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीनी विवाद वाले मसले में, जो पांच जजों की संविधानिक पीठ बनी थी, उसमें नए सीजेआई शामिल रहे।

इसके साथ, निजता के अधिकार के लिए जो सात जजों की संविधानिक पीठ थी, उसमें भी वह शामिल रह हैं। यही नहीं, वह उस बेंच में भी रहे जिसमें कहा गया था कि जिन लोगों के पास आधार नहीं, उन्हें सुविधाओं से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।

New Chief Justice Of India:- अब अगर उनकी शिक्षा के बारे में बात की जाए तो, साल 1978 में नए जस्टिस शरद बोबडे ने नागपुर विश्विद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल करी। इसके बाद उन्होंने बार कॉउन्सिल ऑफ महाराष्ट्र में नामांकन दर्ज किया। फिर 21 साल तक बॉम्बे हिघ्कोर्ट की नागपुर बंच में उन्होंने प्रैक्टिस करी और सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। साल 1998 में उन्हें वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया था। बाद में, साल 2000 मार्च में बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश यानी जज के रूप में उनकी पद उन्नति हुई।

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आज भी देश में कई मसलें हैं जिनका हल आज तक नहीं निकला। देश आज भी इसी उम्मीद में बैठा है कि कब यह अँधेरा छंटेगा और कब नया सूरज निकलेगा। पिछली लाइन को ज़्यादा सीरियस न लीजिएगा, सिर्फ तर्क है। हम देश के नए मुख्य न्यायाधीश का स्वागत करते हैं।