सैंडविच बेचने से लेकर तय किया बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग का सफर – जानें दिलीप साहब की जिंदगी के कुछ अहम किस्से…

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Dilip Kumar

Dilip Kumar: बॉलीवुड के ‘ट्रेजडी किंग’ यानि मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार सदी के सबसे बड़े एक्टर के रूप में जाने जाता है। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन हो या रोमांस किंग शाहरुख खान, बॉलीवुड के कई कलाकारों के लिए दिलीप साहब एक ऐसी किताब हैं जिनसे सभी ने बहुत कुछ सीखा।

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यूँ तो दिलीप साहब को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए भारतीय फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाज़ा जा चुका है। इतना ही नहीं सभी के दिलों पर राज करने वाले दिलीप कुमार को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी सम्मानित किया गया है। पाकिस्तान की ओर से मिला यह सम्मान एक ऐसा सम्मान हैं, फिल्मी दुनिया में आज तक किसी को भी नहीं दिया गया।

इतना ही नहीं ट्रेजडी किंग कहलाने वाले दिलीप कुमार में और ऐसे कई किस्से हैं जो अपने में एक पूरी कहानी हैं। बता दें, लेजेंडरी एक्टर दिलीप कुमार आज अपना 97वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहें हैं। तो चलिए उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनकी ज़िन्दगी से जुड़े अहम किस्से….

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ट्रेजडी किंग कहलाने वाले दिलीप कभी बेचा करते थे सैंडविच

11 दिसंबर, 1922 को जन्मे दिलीप साहब के पिता के महाराष्ट्र के देवलाली में फलों के बागीचे थे। साल 1930 में उनका पूरा परिवार मुंबई आकर रहने लगा। लेकिन ठीक 10 साल बाद यानि 1940 में अपने पिता से किसी बात पर मनमुटाव के चलते दिलीप कुमार पुणे आ रहने लगे। यहां पर दिलीप साहब की मुलाकात ताज मोहम्मद से हुई, जो की एक कैंटीन के मालिक थे उनकी मदद दिलीप साहब आर्मी क्लब में सैंडविच का स्टॉल लगाने लगे।

मधुबाला के संग कोर्ट में यूँ हुआ ब्रेकअप

दिलीप साहब और मधुबाला की प्रेम कहानी के किस्से मशहूर थे हर तरफ इन दोनों के प्यार का बोलबाला था। लेकिन मधुबाला की दिलीप साहब के साथ बढ़ती यह नज़दीकियाँ मधुबाला के पिता को पसंद ना थी। जिसके चलते मधुबाला के पिता सेट पर आ कर शूटिंग के दौरान भी कई सीन को लेकर रोक टोक करने लगे थे।

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लेकिन बात तब बिगड़ी जब बी आर चोपड़ा की फिल्म ‘नया दौर’ की शूटिंग 40 दिन तक आउटडोर होनी थी। कहते हैं, उन दिनों मधुबाला की सेहत भी खराब चल रही थी साथ ही उनके पिता को उनका आउटडोर शूटिंग पर जाना मंजूर ना था। इसलिए मधुबाला इस फिल्म को शूट करने ना जा सकी। बी आर चोपड़ा को यह बात बेहद बुरी लगी और मधुबाला को रिप्लेस कर उनकी जगह वैजयंतीमाला को साइन कर लिया।

जिसके बाद यह मामला इतना बिगड़ गया की बात कोर्ट तक जा पहुँची। जहाँ बी आर चोपड़ा का साथ देते हुए मधुबाला के खिलाफ गवाही दे दी। फिर क्या कोर्ट रूम में ,मधुबाला के दिल के साथ-साथ इन दोनों के रिश्ता भी हमेशा के लिए टूट गया।

गौरतलब हैं, दिलीप साहब की पहली मूवी ‘ज्वार भाटा’ साल 1944 में रिलीज हुई थी फिल्म थी। इसके बाद 1949 में फिल्म ‘अंदाज’ की सफलता ने सभी को उनका दीवाना बना दिया।

साथ ही साल 1951 में आई फिल्म ‘दीदार’ और साल 1995 में आई ‘देवदास जैसी फिल्मों में उनके लाजवाब अभिनय ने उन्हें बॉलीवुड में ट्रेजडी किंग के नाम से फेमस किया।