Mardaani 2 Review: जहाँ हर और अनगिनत रेप केस की हाहाकार लगी हुई हैं, वहीं अब जरुरत हैं, कि लड़कियाँ खुद अपनी शक्ति बने किसी और पर निर्भर ना रहें और ऐसे में रानी मुखर्जी की फिल्म ‘मर्दानी 2’ किसी प्रेरणा से कम नहीं। एक ओर जहाँ हैदराबाद के अमानुषी रेप केस और निर्भया के कातिलों को फांसी देने का मुद्दा गर्म हैं उसी दौरान यह फिल्म रिलीज हुई है।
बता दें, रानी मुखर्जी की फिल्म ‘मर्दानी 2 उनकी साल 2014 में आई ‘मर्दानी’ का सीक्वल है। लेकिन ‘मर्दानी 2’ का विषय बना हैं, पाशविक बलात्कार और हिंसा के पीछे छिपी मानसिकता। साथ ही गोपी पुथरान के निर्देशन में बनी इस फिल्म में महिलाओं के प्रति गलत सोच रखने वाले लोगों को भी दर्शाया गया है।
कुछ ऐसी हैं फिल्म की कहानी
इस फिल्म की शेरनी यानि आईपीएस शिवानी (रानी मुखर्जी) का तबादला राजस्थान के कोटा शहर में हो जाता है। अपनी कुर्सी और शहर का चार्ज सँभालते ही, आईपीएस शिवानी के सामने बलात्कार और हत्या का केस आ जाता हैं। शिवानी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान करती है कि वो बलात्कारी का कॉलर पकड़कर खींचते हुए उसे थाने लाएगी। जहाँ एक ओर जहाँ शिवानी उस रेपिस्ट को पकड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देती हैं।
वहीं रेपिस्ट (विशाल जेठवा) को मीडिया के सामने शिवानी का यह चैलेंज करना उनके महिलाओं के प्रति उसकी घृणास्पद सोच उसके अहम को इस कदर चोट पहुंचाती है कि वह शिवानी से बदला लेने के चलते हिंसा और बलात्कार का सिलसिला जारी रखता है। दरिंदगी के इस खेल को शिवानी हर हाल में बंद करना चाहती है। अब सवाल की क्या शिवानी उस हैवान की हैवानियत को खत्म करके अपने शहर और लड़कियों को सुरक्षित कर पाएगी? लेकिन इसका जवाब पाने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
क्यों देखें फिल्म?
यूँ तो लड़कियों पर होने वाले अत्याचार और ऐसी सोच रखने वाले रेपिस्ट पर पहली बार बॉलिवुड में कोई फिल्म नहीं बनी इससे पहले भी इस विषय पर अनगिनत फिल्में बनी हैं। लेकिन रानी के शानदार अभिनय और निर्देशक गोपी पुथरान की जोड़ी ने मिल इस फिल्म के जरिये सीधा पुरुषप्रधान की उस सोच पर वार किया हैं जो महिलाओं के लिए गलत सोच रखते हैं। जैसा की फिल्म में विलन बहुत ज्यादा चालक और दुस्साहसी दिखाया गया हैं जो बार-बार पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जाता है। बावजूद इसके फिल्म का क्लाइमैक्स सुपरहिट है।