अक्सर आपने देखा होगा हवाई यात्रा के दौरान हमारे मोबाइल को बंद करवा दिया जाता है. या फिर स्मार्टफोन इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है. यह बात के लिए हमें कई बार गुस्सा भी अत है. लेकिन क्या आपको पता है मोबाइल नेटवर्क (सिग्नल) विमान क्रैश का कारण बन सकता है. हाल में हुए एक रिसर्च से इस बात का खुलासा हुआ है. तो चलिए जानते है सच क्या है.
नेटवर्क विमान क्रैश का कारण बन सकता …
बीते दिनों मोदी सरकार ने हवाई यात्री को सुविधा देने के नाम पर हवाई सफ़र के दौरान वाई-फाई की सुविधा देने की बात कर रही है. एल्किन आपको जानकर हैरानी होगी की यह सुविधा आपके लिए घटक साबित हो सकती है. जी हां हाल में हुए रिसर्च से पता चला है कि हमारे मोबाइल के सिग्नल या वाई-फाई की सिग्नल की वजह से विमान क्रेश भी हो सकता है. 2014 में अमेरिकी अधिकारियों ने अंदेशा जताया था कि मोबाइल सिग्नल और कुछ रेडियो सिग्नल के चलते विमान दुर्घटनाएं हो सकती हैं. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बोइंग 737 और बोइंग 777 जैसे विमान के लिए तो मोबाइल सिग्नल जानलेवा साबित हो सकती है.
असुरक्षित राडार सिस्टम …
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट की माने तो दुनिया भर में सैकड़ों विमान असुरक्षित राडार सिस्टम के साथ उड़ान भर रहे हैं. इसके साथ ही यह भी कहा गया अगर ऐसा ही होता रहा तो भुत जल्द विमानों की एयरस्पीड, ऊंचाई और नेविगेशन सहित महत्वपूर्ण डाटा किसी भी वक्त गायब हो जाएगा.इतना ही नही प्लेन का संपर्क भी टूट सकता है. जिसके कारन हजारो यात्रियो की मौत भी हो सकती है.
एयरलाइंस कंपनी ने दावा करते हुए कहा की मोबाइल सिग्नल प्लेन के लिए बेहद ही घटक है. इसकी वजह से प्लेन क्रेश होने का खतरा बना रहाता है. वहीं हनीवेल के प्रवक्ता नीना क्रस ने इस दावों को ख़ारिज करते हुए कहा की यह गलाथई. ऐसा कुछ नही हो सकता है. साल 2012 में इस समस्या को लेकर बोइंग कंपनी ने इसकी जांच की थी. जिसके बाद यह साफ हो गाय की सिग्नल की वजह से प्लेन को कोई नुकसान नही है. यह समस्या सिर्फ बोइंग 737 के साथ एक बार ऐसा हुआ है. उस विमान में लगी 6 डिस्प्ले एक साथ ही ब्लैक हो गयी थी. हालांकि डिस्प्ले बनाने वाली कंपनी ने सफाई देते हुए कहा कि यह एक सॉफ्टवेर की वजह से हुई थी.