किसानों द्वारा किया गया धरना प्रदर्शन आखिर ख़त्म। दिल्ली में शुक्रवार को भारतीय किसान संगठन से जुड़े किसान अपनी कुछ कामों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। सड़क पर उतरे कई किसान नोएडा से दिल्ली की और जाने लगे थे। इस आंदोलन की आग शनिवार की सुबह 8 बजे शुरू हुई और दिल्ली की और बढ़ने लगी। शनिवार को सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान दिया। और उनकी 15 मांगों में से 5 मांगें मान ली गई। सरकार से मिले आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना धरना ख़त्म कर दिया है। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा की यदि उनकी सभी मांगे नहीं मानी गईं तो वह फिर से दो महीने बाद और बल लेकर आएंगे।
सरकार ने कहा है कि अब किसान बीमा योजना का लाभ सभी किसानों को मिलेगा। दो हफ्तों के अंदर गन्ना किसानों को उनका भुगतान दिया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा। किसानों पर धरना प्रदर्शन की वजह से चल रहे मुकदमों को भी जल्द खत्म किया जाएगा। बहरहाल, किसानों की एक बड़ी और अहम मांग ‘कर्ज माफ़ी’ को लेकर जल्द फैसला लेने का आश्वासन दे दिया है।
किसानों की इस रैली पर पुलिस का पहरा था। सेक्टर-69 ट्रांसपोर्ट नगर में सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतज़ाम थे। शनिवार प्रातः ही किसानों का जमावड़ा फिर से प्रदर्शन की और निकल पड़ा। दिल्ली बॉर्डर पर मौजूद थे हज़ारों किसान। यहाँ से किसान घात पर महादेरा डालने के लिए किसान रवाना होने वाले थे। पर इन्हें रोकने के लिए बॉर्डर पर ही रोकने के लिए सीमाएं सील कर दी गयी थीं। पुलिस बल दिल्ली बॉर्डर पर तैनात था।
सूत्रों के मुताबिक़, भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पुराण सिंह कहा कि हमारे 11 प्रतिनिधियों को कृषि मंत्रालय में भेजा गया। किसानों के इस आंदोलन से दिल्ली-यूपी के पास गाज़ीपुर फ्लाईओवर पर लंबा जाम लग गया है। इससे ऑफिस के लिए जाने वालों और वीकेंड पर घूमने जाने वालों के लिए परेशानी हुई। इसके साथ ही किसानों को यह भी आश्वासन दिया गया की उनकी मुलाक़ात गृहमंत्री और प्रधानमंत्री से करवाई जायेगी। कहा जा रहा है कि किसानों की मांगों को पर काम करने के लिए अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल बनाया जा सकता है।