Chhichhore Movie Review: बदलते दौर के साथ सब कुछ बदल रहा है। कम्पटीशन इतना है, की हम सभी उसी में जुट चुके है और जिंदगी को भूल चुके है। वही अगर हम जीत जाते है, तो विनर हार जाते है तो लूजर कहलाते है। लेकिन फैसला कुछ भी क्यों ना हो हम जिंदगी की इस भागदौड़ जीना भूल जाते है।
लेकिन जिंदगी की इसी हार जीत का पाठ पढ़ाने, थियेटर में आ चुकी है नितेश तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘छिछोरे’।
बता दे, फिल्म में मुख्य किरदार में सुशांत सिंह राजपूत,श्रद्धा कपूर वरुण शर्मा ताहिर राज भसीन नजर, नवीन पॉलीशेट्टी, तुषार पांडे जैसे सितारे नजर आए।
Chhichhore Movie Review: फिल्म की कहानी है दिलचस्प
फिल्म की शुरुआत होती है, फ्लैशबैक से अनिरुद्ध ( Sushant Singh Rajput ) का किरदार निभा रहे हैं। माया ( Shraddha Kapoor ) और अनिरुद्ध का तलाक हो चुका होता है। वही अनिरुद्ध अपने बेटे राघव के साथ रहते है। राघव पढ़ाई में बहुत होशियार और मेहनती होता है। बावजूद इसके वो अपना एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने में असफल हो जाता है। और आखिरकार हार के सुसाइड करने की कोशिश करता है ।
हॉस्पिटल में बेटे की यह हालत देख, अनिरुद्ध उसे अपने कॉलेज के दिनों की मस्ती और स्ट्रगल के बारे में बताते है। अनिरुद्ध को लगता है कि राघव को इस हालत से बाहर लाने का एक ही रास्ता है। अनिरुद्ध के इस मिशन में उनके कॉलेज के दोस्त सेक्सा ( Varun Sharma ), एसिड (Naveen ), डेरेक ( Tahir Bhasin ), बेवड़ा ( Saharsh Kumar Shukla ) और मम्मी (Tushar Pandey ) अपना-अपना काम छोड़ उनका साथ देने आ जाते है और यहाँ से होती है। कहानी की शुरूआत।
एक्टिंग के मामले में है जबरदस्त
बात एक्टिंग की करे, तो सभी ने शानदार अभिनय कर लोगो का मनोरंजन किया। सुशांत सिंह राजपूत एक जिम्मेदार पिता और कॉलेज बॉय किरदार में बखुबी डूबे नजर आए। फिल्म में श्रद्धा कपूर के किरदार पर ज्यादा जोर नहीं डाला गया।
वही सेक्सा का किरदार निभा रहे वरुण शर्मा अपनी पंचलाइन से एक बार फिर दर्शकों का दिल जीते नजर आए। एसिड (नवीन पोलिशेट्टी), डेरेक (ताहिर राज भसीन), बेवड़ा (सहर्श कुमार शुक्ला) और मम्मी (तुषार पांडे) सभी मुख्य किरदार में नजर आए।
यह है, फिल्म का वीक पॉइंट
कॉलेज लाइफ की यह कहानी बेहद दिलचस्प है। पुरानी यादों को याद दिलाती यह स्टोरी ज़िन्दगी के हर खास पहलू को दर्शाती नजर आई। लेकिन बावजूद इसके फ्लैशबैक और प्रेजेंट में बैलेंस बनाने में चूक देखने को मिली। हालांकि फिल्म की कहानी इतनी बेहतरीन है। की इन गलतियों को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है।
क्यों देखे फिल्म?
फिल्म में इमोशन है, रोमांस है, दोस्ती है, मस्ती है । टोटल मिला कर ज़िन्दगी के हसीन लम्हों को दिखाने की कोशिश की गई है। यह फिल्म हमें हारने के बाद भी कैसे खुश रह कर ज़िन्दगी जीनी है इसकी सीख देती है। अगर आप भी इस टेंशन भरी लाइफ में मोटिवेट होने का जरिया तलाश रहे। यकीनन आपके लिए है। तो जाइए और अपने निजी थियेटर में फिल्म का लुफ्त उठाइये।