आखिर कब तक जलेंगी इस तरह से ‘बेटियों’ की चिताएं, #JusticeForPriyankaReddy

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#JusticeForPriyankaReddy

#JusticeForPriyankaReddy-“शाम को ड्यूटी पूरी करके वह अपने घर के लिए स्कूटी से रवाना हो गई। घर जाते समय रास्ते में उसकी स्कूटी खराब हुई। दो लोग उसकी मदद करने के लिए आगे आए। उसकी मदद की गयी। लेकिन उस के बदले उसे अपने आपको दाव लगाना पड़ गया। गलती भी उसी की ही थी, अनजान लोगों से मदद क्यों मांगी? अपने घरवालों को फोन करके बुलाती। कोई न कोई आता। भले ही उस रास्ते दूर दूर तक कोई न हो, लेकिन वहीं रहती। अच्छे भले घर की लड़कियां इतनी रात भर घर से बाहर नहीं रहती। नौकरी जल्दी ख़त्म करती और घर चली जाती। लेकिन नहीं, आज की लड़कियां सुधरेंगी थोड़ी।” (इसे दिल से न लगाएं, आगे भी पढ़ लें)

माफ़ कीजिएगा, मैं ऐसा कुछ नहीं कह रही। यह वो लोग कह रहे हैं, उस ‘बेटी’ के लिए जो कि एजुकेटेड और इंडिपेंडेंट है। उसे मालुम है कि उसके लिए क्या सही है और क्या गलत। हो सकता कि वह अकेली हो अपने घर का पेट भरने वाली। हो सकता है कि वह अपने छोटे भाई-बहनों की अच्छी शिक्षा के लिए काम कर रही हो। हो सकता है समाज में ऊँचा नाम पाने के लिए वह अपने पैरों पर खड़ी हुई हो। हो सकता है अच्छी शिक्षा पाने के बाद वह किसी अच्छी जगह काम कर रही हो। लेकिन, यहाँ गलती किसकी है उस ‘बेटी’ की या फिर ऐसी सोच की। जवाब आप अपने मन में ही दबाकर रखिए, क्योंकि इस बात को किसी के सामने बोलकर या बलात्कार जैसी दरिंदगी के बारे में कहीं किसी चौराहे पर चीख चिल्लाने से कुछ नहीं होने वाला।

प्री-प्लांड था यह गैंगरेप और मर्डर

हैदराबाद की खबर तो सुन ही ली होगी। एक डॉक्टर के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार की गयीं और इस दरिंदगी का शिकार हो, एक और घर की ‘बेटी’ ने आँखें मूँद ली। क्योंकि वह मर चुकी थी इसलिए उसे जला दिया। खबर पूरे देश में फैली। सभी लोगों ने उसके लिए सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ लिखा। सदभावना दी गई, न्याय माँगा गया। ट्वीटर पर #JusticeForPriyankaReddy ट्रेंड करने लगा।

इस दरिंदगी का शिकार होने वाली प्रियंका रेड्डी पेशे से डॉक्टर थी। रात को घर जाते समय जब उसकी स्कूटी खराब हुई तो उसने अपनी बहन को फ़ोन करके यह कहा- ‘मेरी स्कूटी ख़राब हो गई, मुझे बहुत डर लग रहा है।’ और, इस कॉल के बाद उसका फ़ोन स्विच ऑफ हो गया। इस कॉल की रिकॉर्डिंग भी सोशल मीडिया पर बुरी तरह वायरल हो रही है। यह फोन कॉल रात 8:20 बजे किया गया था।

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#JusticeForPriyankaReddy यह सब एक प्लानिंग थी। इस दरिंदगी को करने वाले चार लोग थे। उन्होंने सबसे पहले उसका टायर पंक्चर किया और उसके साथ बलात्कार किया गया। असल में यह चारो पहले से ही जानते थे की डॉक्टर बेटी तोंडुपल्ली टोल प्लाजा में अपनी स्कूटी पार्क करती है। पुलिस ने इस बात का दावा किया है कि पहले इन लोगों ने ही स्कूटी का टायर पंक्चर किया और फिर उस लड़की के मददगार बनने के लिए आगे आए। इसी बीच उन हैवानों में से दो युवकों ने उसे अगवाह किया और उसे खींच कर झाड़ियों के बीच में ले गए। फिर क्या था, जो नहीं होना चाहिए था वह हुआ।

वह अकेली नहीं थी जो इस जुर्म का शिकार हुई। बहुत सी होंगी जो ख़बरों में नहीं आ सकीं। बहुत सी होंगी जो घर में भी सुरक्षा माँगती हैं। बहुत सी हैं जो अपने साथ होने वाली दरिंदगी के लिए चीख़ती हैं, चिल्लाती हैं। लेकिन, कुछ ‘लोग’ (सरकार) अपने आँख और कान बंद करके बैठे हैं। उन्हें पता ही नहीं की देश में क्या चल रहा है। शायद, देश की जीडीपी और रोज़गारी बढ़ाने के काम में लगे हुए हैं। काम इतना है कि फुर्सत ही नहीं मिलती होगी , इन छोटी-मोती ख़बरों की तरफ ध्यान दें।

#JusticeForPriyankaReddy देश में एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन की आंधी दौड़ी। लोगों ने सड़क पर चक्का-जाम करना चाहा। लेकिन, इसका फायदा क्या। देश में न्याय की मांग की जा रही है। न्याय, घर से बाहर बिना डर के रहने का। न्याय, घर से बाहर अपने किसी दोस्त के साथ घूमने-फिरने का। न्याय, अपनी मर्ज़ी के कपड़े पहनने का। न्याय, अपनी मर्ज़ी की नौकरी करने का। और हक़ अपनी ज़िन्दगी खुल कर जीने का।