Swati Maliwal on Protest- देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अन्याय को लेकर अब आग बढ़ चुकी है। अब देश की हर लड़की अपनी सुरक्षा की गुहार नहीं लगा रही, बल्कि सीधा मांग कर रही है। अब देश की लड़कियों की आँखों में आंसू नहीं, बल्कि गुस्सा है। इस गुस्से को कम तभी किया जा सकता है जब तक सरकार इस मुद्दे पर कोई सटीक एक्शन नहीं ले लेती।
दिल्ली में जंतर-मंतर विरोध प्रदर्शन के लिए फेमस है। यहाँ आपने अलग-अलग तरह के विरोध-प्रदर्शन होते हुए देखे होंगे। या तो यहाँ पढ़ाई के लिए लड़ाई की जाती है या फिर किसान अपने क़र्ज़ को माफ़ करने के लिए सरकार के आगे झुकते हैं। यहाँ, बहुत से नज़ारे देखे गए हैं। लेकिन, अब यहाँ सैलाब है उस गुस्से का जिसे शांत करने के लिए सरकार को बहुत बड़ा कदम उठाना पड़ेगा।
महिलाओं के लिए देश में बद्द्तर स्थिति बन चुकी है। अब, देश की हर लड़की को अपने लिए डर है। इसके लिए दिल्ली की महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जय हिन्द, दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। मंगलवार की सुबह उन्होंने सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की समाधी को नमन किया। इसके बाद, वह जंतर-मंतर पर अपना आंदोलन शुरू करने चल दी। इस आंदोलन में उन्होंने अपनी मुख्य मांग राखी है कि अब बलात्कारियों को 6 महीने के अंदर फांसी देने के कानून को लागू किया जाए और महिलाओं के लिए व्यवस्था को दुरुस्त और जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए।
आखिर कब तक जलेंगी इस तरह से ‘बेटियों’ की चिताएं, #JUSTICEFORPRIYANKAREDDY
सूत्रों के मुताबिक़, आमरण अनशन पर बैठीं स्वाति मालीवाल का कहना है कि हम प्रधानमंत्री जी से यह मांग कर रहे हैं कि किसी भी छोटे बच्चों और किसी भी महिला के साथ बलात्कार करने वाले को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। देश में कानून तो बना हुआ है लेकिन यह अभी तक लागू नहीं किया गया है। यह लागू इसलिए भी नहीं हो रहा है क्योंकि जनता की रक्षा करने वाली पुलिस के पास कोई संसाधन नहीं बढाए जा रहे हैं। इसके साथ पुलिस की भी कोई जवाबदेही तय नहीं की जा रही है। साथ ही, देश में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जा रहे हैं।
स्वाति मालीवाल का कहना है कि पिछली बार उनके अनशन पर सरकार द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि कानून लागू किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए इस बार जब तक उनकी आँखों के सामने यह कानून लागू नहीं होगा तब तक वह अपने अनशन से नहीं उठेंगी। अब चाहे इसके लिए जान ही क्यों न चली जाए।