शौचालय में बनाया जा रहा है छात्रों के लिए खाना, मंत्री ने कहा कोई दिक्कत नहीं

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शौचालय

हमारे देश में सरकारी स्कूलों का नाम आते ही सबके दिमाग में कुछ बातें जरुर याद आती हैं। जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करते बच्चे, स्कूल में झाड़ू लगाते बच्चे,टीचर का क्लास में सोना, स्कूल में शौच की व्यवस्था न होना, छात्रों के लिए किताबें न होना, और न जाने क्या क्या। सरकार इन विद्यालयों में अच्छी शिक्षा का वादा करती है। लेकिन कुछ लोगों की वजह से उनका यह सपना अधूरा रह जाता है।

अब ऐसा ही कुछ सुनने में आ रहा है कि मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने एक बयान दिया है। और अब यह बयान एक विवाद बन गया है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि शौचालय में खाना पकाने में कोई परेशानी नहीं है, बस शौचालय सीट और स्टोव के बीच में विभाजन होना चाहिए। यह बयान सुर्खियों में तब आया जब मध्यप्रदेश के करैरा की एक आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय का इस्तेमाल रसोइ के रुप में किया जा रहा है।

असल में इमरती देवी का कहना है कि जिस सीट पर बर्तन रखे जा रहा था वो इस्तेमाल में नहीं थी। उस सीट को पहले ही बजरी से भरकर बंद कर दिया गया था। लेकिन इस संबध में जाँच के आदेश दे दिए हैं।

सफाई देने के लिए इमरती देवी ने कहा कि इस तरह की स्थिति आज भी कई घरों में बनी हुई है। उन्होंने कहा कि यदि आपके रिश्तेदार आपके घर में खाना खाने से मना कर दें और इसकी वजह बताएं की आपका रसोई घर और शौचालय एक साथ बने हुए हैं, तो आपको कैसा लगेगा.

मध्यप्रदेश के जिस स्कूल के शौचालय में खाना बन रहा है वहां पर एलपीती सिलेंडर और मिट्टी के चूलहे रखे हैं। बर्तनों के साथ साथ कुछ सामान टाॅयलेट सीट पर रखा हुआ है।

जिले के महिला एव बाल विकास के अधिकारी देवेन्द्र सुंद्रियाल ने कहा कि शौचालय का नियंत्रण एक स्वंय सहायता समूह ने लिया है। वह इस शौचालय को फिलहाल के लिए अस्थायी रसोईघर के रुप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी के सुपरवाइजर और कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई की जा रही है।