टेक्नोलॉजी के साथ भले ही हम लोग कदम से कदम मिला कर साथ चल रहे है, लेकिन इसके नुकसान भी बहुत ज्यादा है। यह बात हम नहीं बल्कि हाल में ही गूगल की एक रिपोर्ट बताती है। आजकल के ज़माने में हर किसी के पास एंड्राइड फोन है। लेकिन इसके सिक्यूरिटी को लेकर अक्सर सवाल उठाया जाता रहा है। आए दिन प्ले-स्टोर से वायरस वाले एप डिलीट किए जाते हैं। वहीं गूगल की यह रिपोर्ट आपको सोचने पर मजबूर भी कर सकती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में एक बड़ी खामी है जिसकी वजह से Samsung,Google और Xiomi जैसी कंपनियों के स्मार्टफोन पर हैक होने का खतरा है। तो चलिए जानते है पूरी रिपोर्ट।
गूगल की एंड्रॉयड जीरो टीम ने लगाया पता
बता दे की इन स्मार्ट फोन कंपनी के फोन में आई खामी को एंड्रॉयड जीरो-डे नाम दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस बात का पता भी गूगल की प्रोजेक्ट जीरो टीम ने पता लगाया है। एंड्रॉयड जीरो-डे की मदद से हैकर बड़े ही आसानी से सैमसंग, गूगल, जैसे स्मार्ट फोन को अपना निशाना बना रहे है। साथ ही कहा यह भी जा रहा है कि यह खामी एंड्रॉयड के Linux Kernel कोड में है।
Linux Kernel कोड क्या होता है ?
बता दे कि लिनक्स वो कोड है जिसके जरिए मेमोरी के सेफ एरिया में लोड किया जाता है ताकि इसे किसी दूसरे प्रोग्राम या ऑपरेटिंग सिस्टम के किसी दूसरे पार्ट से बदला न जा सके। सारे स्मार्ट फोन को कोड के साथ मार्किट में उतरा जाता है। ऐसे में एक छोटी सी भी भूल आपको बड़ी परेशानी में डाल सकती है। हालांकि यह खामी गूगल पिक्सल 1 XL, गूगल पिक्सल 2 XL, गूगल पिक्सल 2, हुवावे पी20, शाओमी रेडमी 5A, एमआई ए1, शाओमी रेडमी नोट 5, जैसे कई ब्रांड में देखा जा सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा की कंपनी इसको लेकर क्या कुछ करती है।
इन स्टेप को फॉलो करके आप भी हैकर से बचे
- ऑपरेटिंग सिस्टम को रखें अप टू डेट : समय-समय पर अपने फोन के os को अपडेट करते रहना चाहिए। पुराने os की मदद से हैकर बड़े ही आसानी से फोन को हैक कर सकते है।
- मोबाइल में सिक्योरिटी एप करें इंस्टाल : सबसे बड़ी गलती यह करते है कि हमलोग अपने फोन में सिक्यूरिटी एप को इंस्टॉल कर लेते है। यह सारे एप की मदद से भी हैकर आपके फोन को अपना शिकार बना सकता है।
- मोबाइल में पासवर्ड सेट करें : सिक्योरिटी के लिए मोबाइल में हमेशा जटिल पासवर्ड रखना चाहिए, जो आसानी से याद रखा जा सके। पासवर्ड बनाते समय हमेशा याद रखें कि ये कम से कम 8 से 10 शब्दों का होना चाहिए।