अगस्त के महीने के बाद से ही लोगों के उपर त्योहारों का खुमार छाया हुआ है। लोगों की एक-दूसरे से अपेक्षा भी बढ़ रही है। इस फेस्टिवल सीजन में ऑनलाइन शोपिंग से लेकर ऑफलाइन शोपिंग की बढ़ोतरी जोरों पर है। हाल में ही जारी एक रिपोर्ट की मानें तो अक्टूबर का महीना कारोबारियों के लिए बेहतर साबित होता है, लेकिन वहीं दूसरी और देश में बेरोजगारी भी एक अहम् समस्या बनती जा रही है। इससे निपटने के लिए सरकार भी नाकाम साबित हो रही है। यह खबर इन बेरोजगारों के लिए किसी ख़ुशी से कम नहीं है। तो चलिए जानते है आखिर पूरा मामला क्या है।
बेरोजगारों के लिए खुशखबरी
भले ही मोदी सरकार में अच्छे दिन दिन न आए हो, लेकिन इस फेस्टिवल सीजन में नौकरी की तलाश कर रहे बेरोजगार युवाओं के अच्छे दिन आने वाले है। जानकरी के मुताबिक त्योहारी सीजन में अस्थाई नियुक्तियों में 20 से 25 फीसदी का इजाफा हो सकता है। त्योहारों के सीजन में कंपनियों को आर्डरों और डिलीवरी में हुई बढ़ोत्तरी को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की जरुरत होती है। ऐसे में साफ़ है की उनको अतिरित आदमी की जरूरत होगी। ये सभी कंपनी बड़ी मात्रा में अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं।
अमेजन-फ्लिपकार्ट दे रहे 1.5 लाख जॉब
देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिप्कार्ट और अमोज़न ने हाल में ही कहा था की उन्हें फेस्टिवल सीजन में करीब 1.5 लाख नई भर्तियां करने वाली है। इसके साथ ही कंपनी पार्ट टाइम के लिए दिन प्रति दिन ऑफर या भर्ती निकालती रहती है। तो वहीं अमोज़न ने भी इस प्रोसेस को आगे बढ़ते हुए कहा था कि करीब 90 हजार नए लोगों की जरूरत है और त्योहारी सीजन में ये भर्तियां की जाएंगी। मतलब साफ़ है की फेस्टिवल सीजन में लोग चढ़ बढ़ कर शोपिंग करते है, और इसी डिलीवरी को पूरा करने के लिए कंपनी को ज्यादा से ज्यादा लोगों की जरूरत होती है। कयास लगाया जा रहा है कि इस साल त्योहारों पर पिछले साल की अपेक्षा 10-15 फीसदी ज्यादा भर्तियां की जा रही हैं। टेलीकॉम क्षेत्र में काफी नौकरियाँ मिलने की संभावना बढ़ गई है। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ इस क्षेत्र में उतर रही हैं, साथ ही टॉवरों के बढ़ते निर्माण कार्य से इस क्षेत्र को काफी बल मिल रहा है।